UPI यूपीआई सभी लोग आजकल मोबाइल से भुगतान करते हैं. यूपीआई का ऐसा दौर हो गया है की हर कोई आज के तारीख में मोबाइल से ही भुगतान करने लगे हैं. चाहे वह आम इंसान हो या बिजनेसमैन हो सभी यूपीआई से भुगतान कर रहे हैं. UPI अपने खर्चे पर नियंत्रण के लिए भी सुविधाजनक है.

कैश लेकर चलना कैश गुम हो जाना छूट पैसा ना होना उन सभी झंझटों से मुक्ति पाने के लिए यूपीआई एक बहुत बड़ा उपयोगी चीज बन चुकी है. लेकिन वित्त मंत्रालय ने ₹2000 से अधिक के यूपीआई भुगतान पर जीएसटी लगा दिया.
वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा की सरकार ₹2000 से अधिक के यूपीआई लेनदेन पर जीएसटी लगाने का विचार कर रही है.

कुछ सोशल मीडिया पर यह बताया जा रहा है कि वित्त मंत्रालय ने ₹2000 से अधिक के यूपीआई लेनदेन पर जीएसटी लगा दिया है. इस बात को लेकर वित्तीय मंत्रालय ने कहा किया बात झूठ हैं. हमने इस तरह का कोई स्पष्टीकरण और विचार धारण नहीं रखा है. वर्तमान में जीएसटी केवल विशिष्ट उपकरणों के माध्यम से ही किए गए भुगतानों से संबंधित मरचेंट डिस्काउंट रेट जैसे शुल्को पर लागू होता है.
सरकार ने स्पष्ट कहा की यूपीआई लेनदेन पर एमडीआर नहीं लिया जाता है इसलिए उन पर जीएसटी भी लागू नहीं हो सकता है. यूपीआई के माध्यम से डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए प्रति अपनी प्रतिबंध्दता दोहराई जा रही है.
इसे भी पढ़ें- जंगली हाथी ने महिला को सुड में उठाकर दूर फेंका जिससे महिला हुई घायल
वित्त मंत्रालय ने यह स्पष्ट रूप से कहा यह योजना लेनदेन लागत को काम करके और अधिक डिजिटल लेनदेन को प्रोत्साहित करके छोटे व्यापारियों की मदद करती है. इसलिए यह यूपीआई पर कोई भी जीएसटी लागू नहीं किया गया है.
आपको बता दे की कुछ सोशल मीडिया पर काफी सारे ब्लॉक में बताया जा रहा है की 2000 से अधिक के यूपीआई पर वित्त मंत्रालय ने जीएसटी लगा दिया है जो कि यह बिल्कुल सत्य है.
