उत्तर प्रदेश का एक मामला सामने आया है फर्जी कागज बनाकर डॉक्टर को 36 लाख में प्लॉट बेचा. उत्तर प्रदेश गाजियाबाद का यह मामला है. शालीमार गार्डन में एक डॉक्टर को प्रॉपर्टी डीलर ने प्लॉट के नाम पर 36 लख रुपए ठग लिए और फर्जी कागज में थमा दिया.
आपको बता दे फर्जी का आरोपी नोएडा का एक कर्मचारी बात कर एक व्यक्ति से मिलवाया. इसके बाद प्लॉट दिखाए प्लॉट का फर्जी कागज भी दिखाया. डॉक्टर ने जब चेक कराया तो प्लॉट के दस्तावेज सब फर्जी निकले. आपको बता दे मामला शालीमार गार्डन थाने का है. राजेंद्र नगर में डॉक्टर अनिल कुमार सेठ ने प्रॉपर्टी डीलर अवधेश झा से 10 साल से जान पहचान थी. डॉक्टर अनिल कुमार ने अवधेश से अस्पताल खोलने के नाम पर प्लॉट दिलाने को कहा था.
तब अवधेश ने डॉक्टर अनिल कुमार की मुलाकात सुमित ठाकुर से करवाई अवधेश ने बताया सुमित ठाकुर नोएडा अर्थारिटी में कर्मचारी है. सुमित ठाकुर ऑडिट विभाग में काम करता है. अवधेश ने डॉक्टर से कहा कि अर्थारिटी में कई ऐसे प्लॉट होते हैं जिनका कागज रद्द हो जाता है उन्हें री अलॉटमेंट भी किया जाता है तो आपको सुमित ऐसा प्लॉट दिलवा देगा.
सुमित कुमार सुमित ठाकुर ने कुछ ऐसा प्लॉट भी दिखाया जिन्हें डॉक्टर अनिल को पसंद आया. उन्होंने प्लॉट का पेपर देखने के लिए मांगा तो सुमित ने यह बोलकर बहाना कर दिया कि पेपर कागजात अभी ऑफिस में है. आपको पूरा पैसा देना होगा तभी प्लॉट मिलेगा. जो रकम आप देंगे उन्हें प्राधिकरण में जमा कर दिया जाएगा. डॉक्टर अनिल ने बिना कागज देख रकम लेने से इनकार कर दिया. इसके बाद सुमित ने उन्हें व्हाट्सएप पर कॉल करके अवधेश के खाते में पैसा भेजने को कहा इसके बाद डॉ अनिल ने अवधेश को 2.20 लख रुपए ट्रांसफर कर दिए.
सुमित तूने नोएडा एक्सटेंशन बुलाया और अपनी पत्नी पूजा से मिलवाया. सुमित ने कहा कि आज ही प्राधिकरण में रुपए जमा हो जाएंगे और साइड चल नहीं रही है इसलिए पूजा के खाते में डाल दीजिए. सुमित ने कहा की प्राधिकरण में रुपए जमा होने के बाद एक महीने के बाद रसीद मिल जाएंगे. डॉ अनिल फिर से झांसी में आ गए और पूजा के खाते में 4.20 लाख रुपया ट्रांसफर कर दिया.
उसके बाद अवधेश, पूजा, सुमित ने मिलकर डॉ अनिल से प्लॉट के नाम पर कई बार पैसे अलग-अलग खातों में लिया. इसके बाद सुमित ने गाजियाबाद के प्लॉट के पेपर डॉ अनिल को दिया. जो डॉक्टर अनिल के जांच करने के बाद पता चला कि यह फर्जी पेपर है. डॉ अनिल ने बताया कि पैसे लेने के बाद सुमित अपना फ्लैट खाली करके चला गया. कई दिनों बाद पता चला कि सुमित दिल्ली में रह रहा है. डॉ अनिल ने पता मांगा तो उसने व्हाट्सएप पर फर्जी पता दे दिया.
डॉक्टर अनिल ने सुमित से कई बार बातचीत करने की कोशिश की सुमित ने व्हाट्सएप पर बातचीत करके यह बोला कि उन्हें पैसे लौटा देंगे और इस तरह से वह कई बार बहाना करते रहा. बाद में डॉक्टर अनिल कुमार के दबाव पर सुमित ने कई बार एक लाख के चेक भी दिए लेकिन उसमें से पैसे नहीं मिले. बाद में डॉक्टर अनिल ने इसकी शिकायत नजदीकी थाना में की इसके बाद थाना प्रभारी द्वारा जांच किया गया और जल्द ही लोगों को गिरफ्तार करने का आश्वासन दिया गया.
