कर्नाटक हाई कोर्ट ने बुधवार को रैपीडो बाइक टैक्सी और अन्य टैक्सी सेवा बंद करने का आदेश दिया. आइए जाने क्या है कारण. कर्नाटक हाई कोर्ट ने बुधवार को रैपीडो बाइक टैक्स के साथ और भी बाइक टैक्सी जो चल रही है उसकी सेवाएं बंद करने का आदेश दिया. हाई कोर्ट ने अपने आदेश में बाइक टैक्सी को 6 सप्ताह के अंदर परिचालन बंद करने का आदेश दिया.
कोर्ट का कहना है रैपीडो की मूल कंपनी रोपेन ट्रांसपोर्टेशन सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के साथ ही उबर और ओला टेक्नोलॉजी जैसी सभी बाइक टैक्सी सेवा उपलब्ध करवाने वाली कंपनी एग्रीगेटर्स का याचिका खारिज करते हुए आदेश दिया कि 6 सप्ताह के अंदर बंद कर दें.

हाई कोर्ट के मुताबिक याचिका करता ने अपनी अर्जी में ऐसे वाहनों को भी ट्रांसपोर्ट व्हीकल के रूप में पंजीकृत करने की अनुमति देकर बाइक टैक्सियों को कानूनी रूप से मान्यता देने के मांग की थी. जिसमें इंटरनल कंबशन इंजन फिटेड थे. साथी अर्जी में यह भी बताया गया कि कोर्ट अधिकारियों को बाइक टैक्सी के लिए एक कानूनी ढांचा लागू करने का निर्देश दें.
रिपीट होने अपने याचिका में यह मांगा था की जो पहले से ही बाइक टैक्सी सेवा प्रदान कर रहा था. उनके व्यवसाय में हस्तक्षेप ना करें. अप्रैल 2022 में हाई कोर्ट के जस्टिस ज्योति मिली मनी ने इन अर्जी पर सुनवाई करते हुए अधिकारियों को याचिका करता के खिलाफ कोई भी दंडात्मक कार्रवाई करने से रोक दिया था. ऐसा आदेश जारी कर याचिका करता को अंतरिम दिया गया था.

इसके बाद जस्टिस प्रसाद ने पहले बार इस मामले की सुनवाई 2023 में की थी. उन्होंने उन सभी आजकाओं को खारिज करते हुए कहा कि हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को याचिका करता द्वारा विरोध किए गए नियम बनाने का आदेश दे सकता है. साथ ही राज्य को गैर परिवहन योग वाहनों को परिवहन वाहनों के रूप में पंजीकृत करने का आदेश दे सकता है. कोर्ट ने कहा बाइक टैक्सी अन्य टैक्सी सेवा को 6 सप्ताह के भीतर सभी परिचालन बंद करने होंगे.
ऐसा बताया जा रहा है कि कोर्ट का यह अंतिम फैसला है. इस फैसले के आने के बाद रैपीडो बाइक टैक्सी समेत उबर बाइक टैक्सी, ओला बाइक टैक्सी बहुत बड़ा झटका लगने वाला है. आपको बता दे बाइक टैक्सी कस्टमर के लिए एक सुविधाजनक था जो की मोबाइल ऐप के द्वारा कहीं से भी बुक किया जा सकता था.
