मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में सफाई करने उतरे आठ लोगों की जहरीली गैस निकलने से मौत हो गई. क्या है घटना आइए पूरा जानते हैं. मिली जानकारी के अनुसार 150 साल पुराने कुएं में सफाई करने के लिए उतरे आठ लोग कुएं की सफाई करने के दौरान जहरीली गैस निकल गई. इसके बाद दम घुटने से आठ लोगों की मौत हो गई.
खंडवा जिले के छैगांवमाखन ब्लॉक के गांव कोंडावत में गणगौर पर्व का उत्साह मनाया जा रहा था. गुरुवार को गांव में गणगौर पर्व का अंतिम दिन था. इस उत्सव के रूप में मनाया जा रहा था. चारों तरफ उत्सव का वातावरण था. इस गांव में पूरे जोर जोर से गणगौर माता की पूजा की जाती है. पूजा के साथ भंडारे भी किया जाता है. शाम को जवारे विसर्जन की तैयारी शुरू की जाती है. तभी इसी क्रम में आठ लोगों की मौत के बाद पूरे गांव में मातम छाया हुआ है.

आपको बता दे 150 साल पुराने कुएं को सार्वजनिक कुएं में जवारे विसर्जन के लिए सफाई के करने के लिए आठ युवक कुएं में उतरे. इसी दौरान कुएं में जहरीली गैस निकलने से एक-एक करके आठ लोगों की मौत हो गई. जहरीली गैस से दम घुटने लगा और आठ लोगों की मौत हो गई. घटना के बाद मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारी कलेक्टर रिसीव गुप्ता, एसपी मनोज राय ने घटना का जायजा लिया. इसके बाद सीआरपीएफ की टीम बुलाई गई. सीआरपीएफ की टीम ने कुएं में कूद कर लोगों का शव बाहर निकाल.
शव को देखकर गांव के लोग में चिख पुकार मच गई. कुएं के आसपास ग्रामीण और परिजनों का भीड़ लग गई. चारों तरफ चीख पुकार मच गई. आपको बता दे माता का विसर्जन करने के लिए गांव के ही सार्वजनिक कुएं में जवारे का विसर्जन हर साल किया जाता है. जवारे विसर्जन करने के लिए कुएं में सफाई करने के उद्देश्य से गांव के ही कुनबी समाज के लोग कुएं में उतरे.
लेकिन दोबारा वापस नहीं आए. सभी अंदर ही बेहोश होने लगे इन्हें बचाने के लिए कुछ और लोग कुएं में उतरे एक-एक करके आठ लोग कुएं में उतर गए लेकिन कोई वापस नहीं आया. इसके बाद कोई भी कुएं में उतरने की हिम्मत नहीं की. पुलिस प्रशासन के आने के बाद सीआरपीएफ के जवान को बुलाया गया. इसके बाद कुएं में सीआरपीएफ के जवान उतरे और सभी के शव को बाहर निकले. मौके पर ही JSB और एंबुलेंस को भी बुलाया गया ताकि बचाव का साधन अपनाया जा सके. विधायक मौर्य और जिला प्रशासन की तरफ से ओर से प्राकृतिक आपदा में मरने वालों को चार-चार लाख रुपया आर्थिक मदद का घोषणा किया.
आपको बता दें मोहन पुत्र मंसाराम, अनिल पुत्र आत्माराम पटेल, शरण पुत्र सुखराम, अर्जुन पुत्र गोविंद, गजानंद पुत्र गोपाल, बलिराम पुत्र आसाराम, राकेश पुत्र हरी, अजय पुत्र मोहन कुएं में उतरने वाले यह लोग शामिल थे. प्रशासन द्वारा जांच में पाया गया कि कुएं में मीथेन गैस निकलने से यह हादसा हुआ है.
सभी शवों को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया गया है. ऐसा दुखद घटना माता का विसर्जन के दिन होने से पूरे गांव में अपशगुन का माहौल बन गया है पूरा गांव मातम में छाया हुआ है.
